भारत में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भोलेनाथ का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था।
महाशिवरात्रि पर प्रथम पहर की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है। 2022 में इसका समय 1 मार्च को शाम 6:21 से शुरू होकर रात में 09:27 तक का है।
दूसरे पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त 1 मार्च को रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से 12:33 तक है, जिस दौरान भोलेनाथ का दही से अभिषेक किया जाता है।
तीसरे पहर की पूजा 2 मार्च को रात्रि 12:33 से सुबह 3:39 तक में की है और इस समय रुद्राष्टक का पाठ शुभ माना जाता है।
चौथे पहर की पूजा 2 मार्च 2022 को सुबह 3:39 से 6:45 तक है। इस दौरान शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें।
धतूरे का फूल भगवान शिव को बेहद प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस फूल को चढ़ाने से त्रिलोकीनाथ बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
भोलेनाथ की पूजा बेल पत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी की लंबी तपस्या के फलस्वरूप देवी लक्ष्मी ने दाहिने हाथ से इस वृक्ष को उत्पन्न किया था।
पारिजात यानी हरसिंगार का फूल भोलेनाथ को प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को इस फूल को चढ़ाने से सुखी और समृद्ध जीवन की प्राप्ति होती है।